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हल्द्वानी में अब तक यहाँ किया 350 से अधिक लोगो ने अपना देहदान…..
देहदान का अर्थ है ‘ अपने शरीर को किसी उत्तम कार्य के लिए यह जन कल्याण के लिए दान कर देना ! भारतवर्ष में अनेकों महापुरुषों ने अपने शरीर को दान किया है, ऋषि दधीचि का नाम सर्वोपरि आता है जिन्होंने ने अपना शरीर इसलिए त्याग दिया था ताकि उनकी हड्डियों से धनुष बनाया जा सके,जिससे दैत्यों का संहार हो सके। राजा शिवि ने कपोत को बचाने के लिए अपने शरीर को प्रस्तुत कर दिया था।इसके अलावा अनेक समुदायों में देह को नदी में प्रवाहित करने की परंपरा है, ताकि पानी में रहने वाले विभिन्न जीवों को आहार उपलब्ध हो सके।
मेडिकल शिक्षा का साइलेंट टीचर, मृत शरीर ही होता है !
आपको बता दें कि वर्तमान में की लोग धीरे-धीरे रूढ़िवादिता और अंधविश्वास से बाहर निकल कर अब देहदान करने लगे हैं, हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज का आंकड़ा बताता है, की लोग अब देहदान के लिए जागरूक होने लगे हैं! हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज में छात्रों की पढ़ाई के प्रैक्टिकल के लिए एक मृत शरीर की आवश्यकता होती है, जिस पर इंसानी सभी पहलुओं पर छात्रों को बताया और सिखाया जाता है, या कह सकते हैं की मेडिकल का साइलेंट टीचर मृत शरीर ही होता है, मेडिकल कॉलेज के समक्ष ऐसी स्थिति भी थी ज़ब एक मृत शरीर मिलना बड़ा मुश्किल था, और जहां आवश्यकता के अनुसार मेडिकल कॉलेज को वर्ष भर में 5 से 6 मृत शरीर की आवश्यकता होती है, लेकिन अब लोग देहदान के प्रति अपनी रूचि दिखाने लगे हैं और समझ चुके हैं की देहदान से व्यक्ति मरणोपरांत भी किसी को जीवनदान दे जाता है या यू कहे की मरणोपरांत अपनी देहदान करके ऐसे चिकित्सक को जन्म दे जाता है, जो वर्षों तक चिकित्सा सेवा के माध्यम से लाखों लोगों की जान बचाता है।
एनाटॉमी विवाह की एचओडी दीपा देऊपा ने बताया की अब लोग आवेदन करने आने लगे हैं पिछले वर्ष हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज को 6 मृत शरीर दान किए गए थे, अपने शरीर को दान करने के लिए अभी तक 350 से अधिक आवेदन कर चुके हैं कुमाऊ के सबसे बड़े मेडिकल कॉलेज मैं दूर-दूर से मेडिकल के छात्र पढ़ाई करने आते हैं पढ़ाई के दौरान प्रैक्टिकल के लिए मृत शरीर ना मिल पाने के कारण उनकी पढ़ाई में व्यवधान आता था जो अब समस्या दूर होती नजर आ रही है!
वृद्ध व्यक्ति ही नहीं अब युवा पीढ़ी भी करने लगी हैं देहदान….
दीपा देऊपा कहती हैं ने बताया की कुछ समय पहले तक केवल वृद्ध लोग ही अपने दे दान के लिए आवेदन किया करते थे युवा पीढ़ी भी सामने आकर दे दान के लिए आवेदन कर रही है अभी तक आए आवेदनों में कई आवेदन युवा पीढ़ी से संबंधित हैं!
जानिए कैसे किया जाए देहदान….
आवेदन करने वाले के परिजन उस व्यक्ति के मृत हो जाने के बाद देहदान के लिए कॉलेज प्रशासन से संपर्क कर रहे हैं. जिसका नतीजा है कि वर्ष 2022-23 में 6 मृत शरीर मेडिकल कॉलेज को मिले हैं. एनाटॉमी विभाग के प्रोफेसर दीपा देउपा का कहना है कि कोई देहदान करना चाहता है तो वह मेडिकल कॉलेज में आवेदन कर सकता है. जिसमें परिवार के दो व्यक्तियों की सहमति के बाद नियमानुसार कार्यवाही कर उसको सर्टिफिकेट दिया जारी किया जाता है जिसे अपने परिजनों को सौंपता है. उसकी मृत्यु होने के बाद उसके परिजन उसके मृत शरीर को मेडिकल कॉलेज को सौंपते हैं. उन्होंने बताया कि अगर कोई परिवार वाले मृत शरीर को दान करना चाहते हैं तो मृत्यु के 5 से 6 घंटे के भीतर में शरीर को मेडिकल कॉलेज को दान कर देते है!!











