देहरादून– आयुर्वेदिक एवं होम्योपेथिक चिकित्सा की भर्ती प्रक्रिया का संज्ञान लिये जाने के सम्बन्ध में abvp के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात की जिसके बाद सीएम ने इन भर्तियों क़ो रद्द करने का निर्देश दिए है।
एबीवीपी ने दिए ज्ञापन में कहा कि उत्तराखण्ड राज्य में आप द्वारा पदभार ग्रहण किये जाने के उपरान्त से ही राज्य सरकार द्वारा युवाओं के कल्याण के लिए निरन्तर कार्य किये जा रहे है। साथ ही विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं को निष्पक्ष एवं पारदर्शी ढंग से कराये जाने के उद्देश्य से कठोर नकल कानून भी बनाये गये है और नकल माफियाओं के विरूद्ध कठोर कार्यवाही करते हुये दर्जनों नकल माफियाओं को जेल भी भेजा गया है।
विगत कुछ दिनों से मीडिया में उत्तराखण्ड चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड के माध्यम से की जा रही आयुर्वेदिक व होम्योपैथिक चिकित्सा की भर्ती के सम्बन्ध में प्रश्न उठाये जा रहे हैं। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का मानना है कि राज्य सरकार द्वारा जिस प्रकार से प्रतियोगी परीक्षाओं को निष्पक्ष एवं पारदर्शी कराने का संकल्प लिया गया है।
ऐसी परिस्थिति में चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड की प्रक्रिया के सम्बन्ध में उठाये गये प्रश्नों का गहनता से जाँच कर समाधान किया जाना आवश्यक है ताकि प्रतिभाशाली युवाओं के अन्दर राज्य सरकार के प्रयासों के प्रति जगे विश्वास को कायम रखा जा सके। इसलिए अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद आपसे यह अनुरोध करती है कि उत्तराखण्ड चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड के द्वारा किये गये चयन एवं की जा रही चयन प्रक्रिया को तत्काल स्थगित करते हुए सम्पूर्ण प्रक्रिया की गहनता से जाँच कराई जाय। तत्पश्चात् ही पुनः चयन प्रक्रिया प्रारम्भ हो।