नैनीताल। हाईकोर्ट ने हल्द्वानी के वनभूलपुरा क्षेत्र में बीती आठ फरवरी को हुई हिंसा की घटना के आरोपियों के मामले में सुनवाई पूरी कर ली है। खंडपीठ ने मामले की सुनवाई के साथ ही अपना निर्णय सुरक्षित रखा है।
वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी एवं न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की खंडपीठ में शनिवार को हल्द्वानी के वनभूलपुरा हिंसा के 50 से अधिक आरोपियों के मामले में सुनवाई हुई। याचिकाकर्ताओं की ओर से सेशन कोर्ट के आदेश को हाईकोर्ट में याचिका दायर कर चुनौती दी गई है। याचिकाकर्ताओं की ओर से कहा गया कि पुलिस ने उनके खिलाफ 90 दिन के अंदर आरोप पत्र दाखिल नहीं किया और न ही रिमांड बढ़ाने के लिए कोई स्पष्ट कारण बताया गया। सेशन कोर्ट ने उनकी रिमांड बढ़ा दी और उनकी वैधानिक जमानत (डिफॉल्ट बेल) भी खारिज कर दी। सुनवाई के दौरान सरकारी पक्ष की ओर से कोर्ट को बताया गया कि पुलिस के पास पर्याप्त आधार और कारण हैं। साथ ही अदालत के पास रिमांड बढ़ाने का अधिकार है। सरकारी पक्ष ने दावा किया कि नियमानुसार ही आरोपियों की रिमांड बढ़ाई गई। मामले को सुनने के बाद कोर्ट ने मामले में अपना निर्णय सुरक्षित कर लिया है।