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क्राइम/दुर्घटना

प्रयागराज मे अतीक अहमद और असरफ ढेर, मिडियाकर्मी बनकर आये तीन लोगो ने वारदात को दिया अंजाम, धारा 144 लागू,17पुलिसकर्मी सस्पेंड

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में उमेश पाल हत्याकांड के आरोपी माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की काल्विन हॉस्पिटल में एक के बाद एक गोली मारकर हत्या कर दी गई है। वारदात मे शामिल तीन हमलावरों ने दोनों की गोली मारकर हत्या कर दी!
    शनिवार की रात को पुलिस दोनों का मेडिकल कराने के लिए मेडिकल कॉलेज पहुंची थी। दोनों को पांच दिनों की रिमांड पर लाया गया था। इसी दौरान पुलिस सुरक्षा घेरे में घुसकर तीन हमलावरों ने कई राउंड फायरिंग की। अंधाधुंध गोलीबारी से मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों में भगदड़ मच गई। गोली लगते ही अतीक और अशरद मौके पर ढेर हो गए।


आपको बता दें कि शनिवार की रात को हमला उस वक्त हुआ जब माफिया अतीक और उसका भाई अशरफ मीडिया के सवालों का जवाब दे रहे थे।  तभी एक हमलावर ने माफिया अतीक के सिर से सटाकर गोली मार दी। वही अशरफ को भी गोली मारकर ढेर कर दिया,हमलावरों ने गोलीबारी करने के बाद पुलिस के सामने आत्मासमर्पण कर दिया। हमले में एक सिपाही भी गोली लगने से घायल हुआ है।

हमलावरो की पहचान…

हमलावरों की पहचान लवलेश तिवारी, शनि और अरुण मौर्य के रूप में हुई है। तीनों बाइक सवार बदमाश मीडिया कर्मी बनकर आए थे। घटना की सूचना पर पुलिस के साथ-साथ प्रशासनिक अमले में हड़कंप मच गया। पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। मौके से तीन पिस्टल व छह खोखे मिले हैं। घटना की सूचना पर सभी थानों की पुलिस को अलर्ट कर दिया गया।अतीक और अशरफ की हत्या के बाद प्रयागराज में हालात देखते हुए धारा 144 लागू कर दी गई है।

उमेश पाल हत्याकांड में माफिया अतीक और उसके भाई अशरफ चार दिन की पुलिस कस्टडी में थे। शनिवार को तीसरे दिन धूमनगंज थाने के लॉकअप में बंद अतीक व अशरफ से एटीएस ने हथियार तस्करी की बाबत पूछताछ की थी। 

रात लगभग साढ़े दस बजे जब दोनों को रूटीन मेडिकल चेकअप के लिए कॉल्विन अस्पताल ले जाया जा रहा था। तभी मीडियाकर्मी बनकर तीन बदमाश बाइक से आए और ताबड़तोड़ फायरिंग करनी शुरू कर दी। गोलियां लगने से अतीक व अशरफ लहूलुहान होकर गिर पड़े। एक पुलिसकर्मी भी घायल हो गया। 
 बाद में दोनों को आनन-फानन मे अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। उमेश पाल अपहरण कांड में एमपीएमएलए अदालत ने अतीक को उम्रकैद की सजा सुनाई है। अतीक अहमद पर सौ से अधिक मुकदमे चल रहे हैं।

गोलियों से शुरू की कहानी गोलियों मे ख़तम

16 अप्रैल की सुबह असद को सुपुर्दे खाक किया गया लेकिन अतीक और उसके परिवार का कोई भी शख्स जनाजे में नहीं शामिल हो पाया। रात में अतीक और अशरफ की कालविन अस्पताल के कैंपस में हत्या कर दी गई। इससे पहले 28 मार्च को उमेश पाल अपहरणकांड में अतीक और उसके दो गुर्गों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी।

आज जब अतीक और अशरफ की हत्या हुई तो उसके परिवार रुस्तेदार कोई नहीं दिखा। पत्नी शाइस्ता अभी भी फरार है। दोनों बड़े बेटे जेल में हैं। दोनों छोटोे बेटे बाल सुधार गृह में है। अशरफ की पत्नी जैनब भी आरोपी होकर फरार है। अन्य रिश्तेदारों की भी हिम्मत नहीं पड़ रही थी कि अतीक के शव के पास आकर आंसू बहा दें।

17 पुलिसकर्मी सस्पेंड, सी एम आवास में हुई हाई लेवल मीटिंग

अतीक अहमद और अशरफ की गोली मारकर हत्या करने के मामले में शासन के आदेश पर 17 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है। आरएएफ, पीएसी समेत अन्य फोर्स को आसपास के जिलों से भी बुला लिया गया है। और अशरफ की सरेआम हत्या को लेकर सीएम आवास पर हाई लेवल मीटिंग बुलाई गई है। इसमें यूपी के डीजीपी आरके विश्वकर्मा, स्पेशल DG क़ानून व्यस्था प्रशांत कुमार, प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद एवं अन्य अफ़सर मौजूद हैं।

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