- कश्मीर के साथ अब जोशीमठ में बिखरेगी नीदरलैंड के ट्यूलिप पुष्प की महक।
जोशीमठ – पायलट प्रोजेक्ट के तहत उद्यान विभाग जोशीमठ द्वारा की गई अभिनव पहल,तय समय में राजकीय आदर्श उद्यान सिंहधार जोशीमठ की टीम ने डच ट्यूलिप पुष्प नर्सरी की तैयार,नर्सरी में बिखरी 5प्रजाति के नीदरलैंड के ट्यूलिप पुष्प की बहार, नर्सरी बनी प्रकृति प्रेमियों के आकर्षण का केंद्र,राजकीय आदर्श उद्यान केंद्र जोशीमठ की नर्सरी में खिला यह खूबसूरत पुष्प इन दिनों सबके आकर्षण का केंद्र बनी हुई है,यदि विभाग की इस पहल के बाद प्रदेश सरकार स्थानीय युवाओं के लिए स्वरोजगार और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए ट्यूलिप गार्डन प्रोजेक्ट योजना लाती है तो कश्मीर के साथ अब उत्तराखंड के जोशीमठ में भी आने वाले दिनों में बिखरेगी ट्यूलिप पुष्प की चमक।
दरअसल वसंत ऋतु के दौरान पूरे देश दुनिया में जहां खूबसूरत पुष्प खिले हुए हैं। भारत में जम्मू कश्मीर के श्रीनगर में ट्यूलिप गार्डेन में आजकल ट्यूलिप के रंग बिरंगी पुष्प खिले हुए हैं ऐसे में जब लोग कहते की ट्यूलिप सिर्फ नीदरलैंड में क्यूकेन्ह ट्यूलिप गार्डन है या जम्मू कश्मीर में इंदिरा गांधी मेमोरियल ट्यूलिप गार्डन है,जो दुनिया में सबसे आकर्षक और सुंदर ट्यूलिप गार्डन का घर है आजकल हर वसंत ऋतु में, यह ट्यूलिप गार्डन खिलने के लिए तैयार हो जाता है। जोशीमठ में इस ट्यूलिप नर्सरी में शोध के लिए राजकीय आदर्श उद्यान जोशीमठ में जिला उद्यान अधिकारी के दिशा निर्देशन में पायलेट प्रोजेक्ट के तहत नीदरलैंड से आयातित 4400 ट्यूलिप बल्बों को रोपा गया था जो अब जीवंत रूप में खिल है।
जिसके बाद इस प्रोजेक्ट के तहत आगे जोशीमठ छेत्र के पर्यटन कारोबारियों होटल उद्योग से जुड़े लोगो और युवाओ को ट्यूलिप गार्डन से रोजगार के अवसर बनाने के लिए नई योजना तैयार की जायेगी।जहां हॉलैंड के डच ट्यूलिप देखने का सबसे अच्छा समय अप्रैल और मई के बीच का होता है। दुनिया में सबसे बड़ा फ्लावर्स पार्क ‘केयूकेनहोफ’ है, जिसे गार्डन ऑफ यूरोप के नाम से भी जाना जाता है। वहीं जोशीमठ में भी यही मौसम और माह ट्यूलिफ पुष्प के लिए मुफीद साबित हो रही है,जो फ्लोरी कल्चरल व्यवसाय के लिए अच्छी खबर है,चाहे वह शुद्ध सफेद रॉयल वर्जिन ट्यूलिप हो या गहरा मैरून ‘रात की रानी’ ट्यूलिप, बर्फीला सफेद ‘हकुम’ हो या क्रीम रंग का ‘पुरिसिमा’ ट्यूलिप, ये सब महकते पुष्प आजकल राजकीय उद्यान जोशीमठ की नर्सरी में महक बिखेर रहे है।
यूरोप की मिल्कियत माना जाना ववाला यह ट्यूलिप पुष्प अब उत्तराखंड के जोशीमठ में भी अपनी छटा बिखेरेगा।आजकल यहां उद्यान नर्सरी में ट्यूलिप के पांच रंग के फूल खिले हुए हैं। वहीं 1500 से 2500 मीटर की ऊंचाई पर पाए जाने वाले इस फूल के अब जोशीमठ राजकीय आदर्श उद्यान की नर्सरी में सफलता पूर्वक खिलने से अब उद्यान विभाग जोशीमठ भी खासा उत्साहित है और अब इस पायलेट प्रोजेक्ट के शोध के बाद जिला मुख्य उद्यान अधिकारी चमोली के मार्ग दर्शन में आगे कमर्शियल तौर पर ट्यूलिप गार्डन बनाने की योजना धरातल पर लाने की योजना है,ताकि यहां जोशीमठ छेत्र में ट्यूलिप गार्डन यूरोप की भांति पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बन सके।
वरिष्ठ उद्यान निरीक्षक जोशीमठ सोमेश भंडारी कहते हैं कि देश में पहले जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में ही ट्यूलिप का दीदार हो पाता था,लेकिन अब उत्तराखंड में भी इसका प्रयोग सफल रहा है और वह इसे उगाने वाला दूसरा राज्य बन गया है।खासकर पहाड़ी क्षेत्रों में कुमाऊं के मुंनस्यारी के बाद अब गढ़वाल छेत्र में जोशीमठ स्थित राजकीय आदर्श उद्यान नर्सरी में नीदरलैंड से आयतित ट्यूलिप पुष्प सफलता पूर्वक तैयार हो गया है,प्रभारी राजकीय आदर्श उद्यान सिंहधार,जोशीमठ जगत सिंह नेगी का कहना है कि विभाग फ्लोरी कल्चरल को बढ़ावा देने के साथ साथ छेत्र के युवाओं को ट्यूलिप उत्पादन के छेत्र में आत्म निर्भर बनाने को लेकर संजीदा है,उद्यान नर्सरी में अभी करीब 10 लोगों को रोजगार मिल रहा है,साथ ही हमारी इस जोशीमठ नर्सरी में पायलेट प्रोजेक्ट के अंतर्गत रिसर्च के तौर पर 4400 डच वैरायटी के ट्यूलिप वॉल्व रोपित किए गए थे जिसके परिणाम सामने है,आने वाले समय में ट्यूलिप पुष्प गार्डन व्यवसाय के छेत्र में युवा बढ़िया आजीविका संवर्धन कर फ्लोरी कल्चर के छेत्र में स्वरोजगार के अवसर प्रदान कर सकेंगे, हालांकि,कश्मीर की भांति उत्तराखंड के कुमाऊं तक के हिमालयी क्षेत्र में ट्यूलिप के लिए मुफीद वातावरण है। अब जोशीमठ राजकीय आदर्श उद्यान की टीम के अथक प्रयासों से अब जोशीमठ नर्सरी में यह ट्यूलिप पुष्प खिलने लगा है और यहां पीले,सफेद,जामुनी, लाल धारीदार व हल्के केसरिया रंग के फूल खिले हैं।
जिनकी एक झलक देखने के बाद इन पुष्पों से नजर हटाने का मन ही नही हो रहा है, पायलेट प्रोजेक्ट के तहत जोशीमठ के सिंहधार उद्यान नर्सरी में तैयार हुए इन 4400 ट्यूलिप पुष्पों के खिलने से उद्यान विभाग कर्मियों के चेहरे खिले हुए है, यदि सब कुछ ठीक रहा तो आने वाले समय में जोशीमठ छेत्र में इन खूबसूरत डच वैरायटी के ट्यूलिप पुष्पों की खेती लहराती नजर आएगी, ऐसे में अब जोशीमठ की मुफीद जलवायू इन ट्यूलिप पुष्पों के कमर्शियल उत्पादन में कितने कारगर साबित होंगे ये आने वाले समय में पता चलेगा,
फिलहाल विभाग का अगला कदम ट्यूलिप गार्डन योजना को धरातल पर लाने और छेत्र में फ्लोरी कल्चरल के साथ छेत्र के होटल होमस्टे पर्यटन कारोबारियों और युवाओं को ट्यूलिप उत्पादन में आगे आने के लिए प्रेरित करेंगे,जिसके लिए विभागीय स्तर पर कार्य योजना तैयार कर ट्यूलिप फूल उत्पादन के छेत्र में जोशीमठ को अग्रणी बनाने के लिए हर संभव प्रयास किया जायेगा, ताकि यहां आने वाले देशी पर्यटकों को और खासकर चार धाम यात्रा पर आने वाले तीर्थ यात्रियों को ट्यूलिप गार्डन का दीदार हो सके और इससे पर्यटन कारोबार भी बडेगा और आजीविका भी बढ़ेगी, फिलहाल जोशीमठ की राजकीय उद्यान नर्सरी सिंहधार में खिले ये ट्यूलिप पुष्प सबके लिए आकर्षण का केंद्र बने हुए है।