हल्द्वानी – जिस विभाग में 30 साल तक नौकरी की और अब रिटायर्ड होकर उस विभाग की सरकारी योजनाएं ,अपनी बेटी के शादी कार्ड में छपवा दी, विभाग की रिटायर होने के बाद भी यह अधिकारी अप्रत्यक्ष रूप से सेवा कर रहए हैं। दरअसल यह अफसर हैं पीलीकोठी, हल्द्वानी के रहने वाले योगेश चन्द्र पांडेय। योगेश पांडेय वर्ष 2019 में जिला उद्योग केन्द्र, हल्द्वानी से बतौर महाप्रबंधक रिटायर हुए हैं। आमतौर पर रिटायर होने के बाद अधिकारी-कर्मचारियों को अपने संबंधित विभाग से संपर्क और उससे जुड़ा कामकाज करते कम ही देखा जाता है। मगर उद्योग विभाग के ये पूर्व महाप्रबंधक योगेश पांडेय को देखकर लगता ही नहीं है कि वह रिटायर हुए होंगे। रिटायरमेंट के पांच साल बीतने के बाद भी वे उद्योग विभाग से जुड़ी गतिविधियों, प्रशिक्षण कार्यक्रमों में बराबर शिरकत करते रहते हैं। स्वरोजगारपरक प्रशिक्षण कार्यक्रम चाहे विभागीय हों या किसी एनजीओ के माध्यम से संचालित योगेश पांडेय सूचना मिलने भर में ही उस कार्यक्रम में शामिल होकर युवाओं और बेरोजगारों को अपने अनुभव और सरकारी योजनाओं के आधार पर स्वरोजगार के लिए प्रेरित करने का कोई भी मौका नहीं छोड़ते हैं।
आपने शादी कार्ड में मेरी बुआ, मेरी मौसी या मेरे चाचा की शादी में जलूल-जलूल आना तो जरूर पढ़ा होगा। मगर हल्द्वानी में रहने वाले एक रिटायर अफसर ने अपनी बिटिया के शादी कार्ड में निमंत्रण कार्यक्रम की सूचना के साथ ही स्वरोजगारपरक योजनाएं भी प्रकाशित कराई हैं। मकसद है बेरोजगारों को स्वरोजगार से जोड़कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाना। कार्ड में स्वरोजगार अपनाने, आत्मनिर्भर बनने, पलायन रोकने के साथ ही उत्तराखंड को समृद्ध बनाने का आहवान किया गया है।
योगेश चन्द्र पांडेय की बेटी डा. वर्षा की शादी 28 अप्रैल को होनी है। डा. वर्षा गोयनका यूनिवर्सिटी सोहना गुडगांव में बतौर एसोसिएट प्रोफेसर कार्यरत हैं। आगामी 28 अप्रैल को उनकी शादी डा. दीपक से हल्द्वानी में होनी है। बिटिया की शादी में भी पूर्व महाप्रबंधक योगेश पांडेय ने बेरोजगारों को स्वरोजगार के लिए प्रेरित करने का मौका ढूंढ निकाला है। उन्होंने अपनी बेटी के शादी कार्ड में वैवाहिक कार्यक्रमों की पूरी सूचना छपाने के साथ ही उत्तराखंड सरकार से जुड़े विभागों की स्वरोजगारपरक सरकारी योजनाओं की जानकारी प्रकाशित कराई है।
इन योजनाओं में मुख्य रूप से प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम, मुद्रा योजना, स्र्टाअअप योजना, स्टैंड अप योजना, प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना, मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना, मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना नैनो, महिला विशेष प्रोत्साहन योजना, स्व. वीर चंद्र सिंह गढ़वाली पर्यटन रोजगार योजना, दीनदयाल उपाध्याय गृह आवास योजना, राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड, हस्तशिल्प एवं हथकरघा विकास योजनाएं आदि हैं। 30 साल की सरकारी नौकरी के बाद भी उसी विभाग के हित में निस्वार्थ भाव से सेवा कर योजनाओं के प्रचार-प्रसार करने की रिटायर अफसर की पहल की लोगों ने सराहना की है।